नई दिल्ली, 24 जून, 2025 - एक्ज़िम बैंक ने 24 जून, 2025 को नई दिल्ली में ट्रेड कॉन्क्लेव का आयोजन किया। इस कॉन्क्लेव को माननीय वित्त मंत्री एवं कॉर्पोरेट कार्य मंत्री, भारत सरकार, श्रीमती निर्मला सीतारामन ने संबोधित किया। इस वर्ष यह कॉन्क्लेव– “निर्यात वृद्धि से विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि” थीम पर आयोजित किया गया। माननीय वित्त मंत्री ने अपने बीजवक्तव्य में भारतीय निर्यातकों को सशक्त बनाने और निर्यात-उन्मुख विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा किए गए निम्नलिखित पांच प्रमुख नीतिगत उपायों का उल्लेख किया।
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परिवहन एवं लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में बुनियादी ढांचागत विकास के लिए किए गए व्यापक निवेश, जिससे आपूर्ति शृंखला की दक्षता और वैश्विक स्पर्धात्मकता को बढ़ाने में मदद मिल रही है।
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सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को सुदृढ़ करने के क्रम में कई महत्त्वपूर्ण पहलें की गईं हैं। इनमें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम की परिभाषा में संशोधन, उद्यम पंजीकरण, ऋण गारंटी योजनाओं की पुनर्संरचना, ट्रेड्स (TReDS), और एक्ज़िम बैंक का ‘उभरते सितारे कार्यक्रम’ जैसी पहलें शामिल हैं। एक्ज़िम बैंक द्वारा अपने उभरते सितारे कार्यक्रम के अंतर्गत अब तक भावी निर्यात चैंपियंस के रूप में चिह्नित 85 इकाइयों को ₹ 1,522 करोड़ की वित्तीय सहायता प्रदान की जा चुकी है। इनमें सात इक्विटी निवेश भी शामिल हैं। इसके अलावा, प्रारंभिक चरण की नवोद्यम कंपनियों को आवश्यक सहयोग के लिए इस कार्यक्रम के अंतर्गत आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी कानपुर, आईआईएम अहमदाबाद, आईआईएम लखनऊ और आईआईएससी बेंगलुरु जैसे संस्थानों के इनक्यूबेटरों को तकनीकी सहायता भी प्रदान की गई है।
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निर्यात फैक्टरिंग प्रदान करने वाली एक्ज़िम बैंक की सहायक कंपनी एक्ज़िम फिनसर्व और आईटीएफएस जैसे प्लैटफॉर्मों के जरिए व्यापार वित्त को सुगम बनाने पर फोकस किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2025 के दौरान एक्ज़िम फिनसर्व ने निर्यातकों को 587 ओपन अकाउंट ट्रेड ट्रांज़ैक्शनों के लिए फैक्टरिंग सहायता प्रदान की।
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‘निर्यात केंद्र के रूप में जिले’ पहल के अंतर्गत व्यापार के लिए क्लस्टर विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे निर्यातकों को विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईजेड) के अलावा अपने स्थानीय जिलों से ही निर्यात करने में मदद मिल रही है।
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भारत कई देशों के साथ मुक्त व्यापार करार (एफटीए) के लिए वार्ता कर रहा है। इसमें अमेरिका के साथ करार लगभग अंतिम चरण में है।
माननीय वित्त मंत्री ने उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) की उल्लेखनीय भूमिका को भी रेखांकित किया। इस योजना के अंतर्गत ₹ 5.3 लाख करोड़ से अधिक मूल्य के निर्यातों को सहायता प्रदान की जा चुकी है।
इस कॉन्क्लेव के दौरान एक्ज़िम बैंक के व्यापार सहायता कार्यक्रम (टैप) के अंतर्गत अब तक की उपलब्धियों को भी रेखांकित किया गया। माननीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारामन ने विशेष रूप से उल्लेख किया कि ‘टैप’, व्यापार को सुगम बनाने वाली भारत में अपनी तरह की अनूठी पहल है, जिसके अंतर्गत भारतीय निर्यातकों के लिए उच्च जोखिम वाले बाजारों को भी सुगम बनाया जा रहा है। साथ ही, यह पहल इस क्षेत्र में वित्त की उपलब्धता बढ़ाने में भी सहायक है। उन्होंने रेखांकित किया कि 2022 में टैप की शुरुआत से अब तक एक्ज़िम बैंक द्वारा 100 से अधिक बैंकों के साथ मिलकर 51 देशों में 1,100 से अधिक निर्यात ट्रांज़ैक्शनों के लिए सहायता प्रदान की जा चुकी है।
इस अवसर पर माननीय वित्त मंत्री ने लखनऊ, इंदौर एवं ब्राज़ील के साओ पाउलो स्थित एक्ज़िम बैंक के नए कार्यालयों का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन भी किया। बैंक के ये नए कार्यालय अपने-अपने क्षेत्र के मौजूदा और भावी निर्यातकों को सहायता प्रदान करने और नए बाजारों तक उनकी पहुंच को सुगम बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इस कार्यक्रम में माननीय वित्त राज्य मंत्री, श्री पंकज चौधरी एवं वित्तीय सेवाएं विभाग, भारत सरकार के सचिव, श्री एम. नागराजू विशेष रूप से उपस्थित रहे।
माननीय वित्त राज्य मंत्री, श्री पंकज चौधरी ने अपने संबोधन में भारतीय निर्यातकों की बढ़ती स्पर्धात्मकता का उल्लेख किया और कहा कि भारत सरकार ने भारतीय उद्यमों, विशेष रूप से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए ऋण प्रवाह बढ़ाने की दिशा में कई उपाय किए हैं।
वित्तीय सेवाएं विभाग के सचिव, श्री एम. नागराजू ने कहा कि विकसित भारत के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए भारत की वित्तीय प्रणाली, सतत आर्थिक वृद्धि एवं व्यापार को गति देने के लिए इस समय बिल्कुल उपयुक्त है।
कॉन्क्लेव के दौरान एक्ज़िम बैंक की प्रबंध निदेशक, सुश्री हर्षा बंगारी ने उल्लेख किया कि बैंक द्वारा प्रदत्त सहायता भारतीय कंपनियों को अपनी निर्यात क्षमताओं को बढ़ाने, मूल्य श्रृंखला में ऊपर आने और विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में जटिल परियोजना निर्यात करने में सहायक रही है। उन्होंने बैंक के टैप कार्यक्रम के बारे में बताया कि इस कार्यक्रम के अंतर्गत बैंक द्वारा 20 राज्यों के 60 शहरों से विविध क्षेत्रों के निर्यातकों को सहायता प्रदान की जा चुकी है और इनमें से एक-तिहाई इकाइयां सूक्ष्म, लघु और मध्यम श्रेणी की हैं।
कॉन्क्लेव के दौरान माननीय वित्त राज्य मंत्री ने चुनिंदा लघु एवं मध्यम उद्यमों को बैंक के ‘उभरते सितारे कार्यक्रम’ के अंतर्गत प्रदान की जा रही सहायता से संबंधित मंजूरी पत्र भी प्रदान किए। साथ ही, निर्यातों की अच्छी संभावनाओं वाले नवोद्यमों (स्टार्टअप्स) को सहायता प्रदान करने के लिए एक्ज़िम बैंक और आईआईटी कानपुर के बीच तकनीकी सहयोग करार का आदान-प्रदान भी किया गया।
इस अवसर पर माननीय वित्त राज्य मंत्री ने एक्ज़िम बैंक द्वारा प्रकाशित तीन शोध अध्ययनों का विमोचन भी किया। ये शोध अध्ययन ‘भारत के ऊर्जा संबंधी परिवर्तन के लिए महत्त्वपूर्ण खनिजों के संरक्षण की आवश्यकता’, ‘भारत का रक्षा उपकरण उद्योग: नए क्षेत्रों तक पहुंच बनाना’ और ‘आसियान-भारत वस्तु व्यापार करार के अंतर्गत वस्त्र एवं संबद्ध उत्पादों का व्यापार: मूल्य शृंखला विश्लेषण’ शीर्षक से किए गए हैं। इन प्रकाशनों में संबंधित क्षेत्रों में हालिया स्थितियों का विश्लेषण किया गया है तथा निर्यात स्पर्धात्मकता को सुदृढ़ करने के लिए रणनीतियां सुझाई गई हैं।
इस कार्यक्रम में देशभर से आए उद्योग जगत के प्रतिनिधियों, वित्तीय संस्थाओं के प्रमुखों, निर्यातकों, निर्यात संवर्धन परिषदों एवं शिक्षाविदों सहित 200 से अधिक प्रतिभागियों ने भौतिक और वर्चुअल रूप से हिस्सा लिया।