भारत एवं विदेशी विश्वविद्यालयों और शैक्षिक संस्थानों में अंतर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र, व्यापार, विकास और संबंधित वित्तपोषण में आर्थिक शोध को प्रोत्साहित करने के लिए भारतीय निर्यात-आयात बैंक द्वारा दो अंतर्राष्ट्रीय सम्मान - अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक शोध वार्षिक (IERA) सम्मान और ब्रिक्स आर्थिक शोध सम्मान (BRICS) की स्थापना की गई है। ये पहलें आर्थिक शोध और विश्लेषण को बढ़ावा देने हेतु नीति निर्माण में योगदान संबंधी बैंक के प्रयासों को प्रदर्शित करती हैं।

सम्मान के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया हमसे rag[at]eximbankindia[dot]in या + 91 -22-2217 2701 / 2708 पर संपर्क करें ।


 

सम्मान

इस सम्मान का उद्देश्य ब्रिक्स सदस्य देशों के लिए समसामयिक प्रासंगिकता वाले अर्थशास्त्र संबंधित विषयों पर डॉक्टोरल शोध में तेजी लाना और उसे बढ़ावा देना है। इस सम्मान के अंतर्गत 15 लाख रुपये की सम्मान राशि (लगभग 22,000 यूएस डॉलर समतुल्य राशि), एक पदक और एक सम्मान प्रदान किया जाता है। इस सम्मान के लिए पाँचों ब्रिक्स देशों के वे नागरिक आवेदन कर सकते हैं, जिन्हें उनके शोध कार्य के लिए राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या किसी वैश्विक शैक्षणिक संस्थान द्वारा डॉक्टरेट (पीएचडी) की उपाधि मिली हो या उनके शोध कार्य को डॉक्टरेट की उपाधि के लिए स्वीकार कर लिया गया हो। ब्रिक्स सम्मान 2022 के लिए आवेदन प्राप्त करने की अंतिम तिथि 31 मार्च, 2022 से बढ़ाकर 4 अप्रैल, 2022 कर दी गई है।

सम्मान के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया हमसे rag[at]eximbankindia[dot]in या + 91 -22-2217 2701 / 2708 पर संपर्क करें ।

वर्ष
विजेता और सम्मान प्राप्त थीसिस
2023
डॉ. दिग्विजय सिंह नेगी: जोखिम, बीमा और कल्याण पर निबंध
2022
डॉ. अपूर्व गुप्ता: वित्त और विकास पर निबंध
2021
डॉ. राहुल सिंह: उदारीकरणोत्तर भारत में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर निबंध
2020
डॉ. एडम (याओ) लियू: सत्तावादी संस्थाओं के भीतर बाज़ारों का निर्माण: चीन में बैंकिंग विकास की राजनीतिक अर्थव्यवस्था
2019
डॉ. तुषार भारती: विकासशील देशों में शिक्षा और संस्थानों पर निबंध
2018
ज़ेली हे: अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, कल्याण और असमानता पर निबंध
2017
डॉ. रक़ील अल्मेडा रामोस: वित्तीयकरण और उभरती बाज़ार अर्थव्यवस्थाओं की विनिमय दरों के निर्धारण पर इसके प्रभाव
2016
डॉ. जोआओ प्रेट्स रोमेरो: तकनीकी प्रगति और संरचनात्मक परिवर्तन: आर्थिक विकास में मांग और आपूर्ति की भूमिका