वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए एक्ज़िम बैंक (बैंक) के वित्तीय परिणामों को बोर्ड द्वारा 9 मई, 2025 को अंगीकृत किया गया। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए बैंक के वित्तीय परिणामों की खास बातें निम्नलिखित अनुसार हैं:
वित्तीय कार्य निष्पादन

व्यवसाय निष्पादन
बैंक ने प्रमुख व्यवसाय निष्पादन मानदंडों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की, जो भारत के व्यापार और निवेश तथा मित्र देशों की विकास प्राथमिकताओं को सहायता प्रदान करने की बैंक की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। भारत की विकास यात्रा और ऋण की बढ़ी मांग के बीच, बैंक ने ` 1,39,871 करोड़ के नए ऋणों को मंजूरी दी। वित्तीय वर्ष 2024-25 में ऋण पोर्टफोलियो में 18% की वृद्धि दर्ज की गई। यह बढ़ोत्तरी स्वच्छ और अक्षय ऊर्जा, ऑटोमोटिव, इंजीनियरिंग वस्तुओं, फार्मासूटिकल्स और टेलीकम्युनिकेशन जैसे क्षेत्रों में मजबूत वृद्धि के चलते दर्ज की गई। बैंक ने ई-मोबिलिटी, हाई-टेक और एयरोस्पेस जैसे रणनीतिक महत्त्व के क्षेत्रों में भी वृद्धि दर्ज की। अनर्जक आस्तियों (एनपीए) के मामले में, बैंक की आस्ति गुणवत्ता में सुधार हुआ। सकल एनपीए यथा 31 मार्च, 2024 के 1.94% से घटकर यथा 31 मार्च, 2025 को 1.71% हो गया। वहीं, निवल एनपीए यथा 31 मार्च, 2024 के 0.29% से घटकर यथा 31 मार्च, 2025 को 0.14% हो गया। प्रावधान कवरेज अनुपात 96.83% से बढ़कर 98.26% हो गया।
पॉलिसी व्यवसाय
बैंक ने भारत सरकार की ओर से प्रदान की जाने वाली ऋण-व्यवस्थाओं के जरिए सहयोगी देशों में कई विकास परियोजनाओं के लिए सहायता प्रदान की। यथा 31 मार्च, 2025 को बैंक का भारत सरकार समर्थित 293 ऋण-व्यवस्थाओं का पोर्टफोलियो रहा, जिसके अंतर्गत कुल 27 बिलियन यूएस डॉलर की ऋण प्रतिबद्धताएं हैं। ये ऋण-व्यवस्थाएं सहयोगी देशों में सामाजिक-आर्थिक विकास की वाहक बन रही हैं, वहीं भारतीय कंपनियों के लिए नए बाजारों और अवसरों के द्वार भी खोल रही हैं। यथा 31 मार्च, 2025 को लगभग 16 बिलियन यूएस डॉलर के 965 कॉन्ट्रैक्ट इन ऋण-व्यवस्थाओं के अंतर्गत कवर किए गए हैं।
वाणिज्यिक व्यवसाय
वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान, बैंक ने भारतीय कंपनियों में निर्यात क्षमता सृजन और उनकी निर्यात स्पर्धात्मकता बढ़ाने और उनके वैश्वीकरण प्रयासों में सहयोग के क्रम में, ₹ 1,33,888 करोड़ की सहायता प्रदान की। वर्ष के दौरान, कॉर्पोरेट ऋणों में 31% की वृद्धि दर्ज की गई और आस्ति गुणवत्ता अच्छी रही। बैंक ने भारत के परियोजना निर्यातों को नई ऊंचाई पर पहुंचाते हुए 35 देशों में ₹ 56,853 करोड़ के 89 परियोजना निर्यात कॉन्ट्रैक्टों को सहायता प्रदान की। इसके अलावा, 14 कंपनियों को 8 देशों में उनके विदेशी निवेश के आंशिक वित्तपोषण के लिए ` 4,641 करोड़ की निधिक और गैर-निधिक सहायता को मंजूरी प्रदान की गई। बैंक द्वारा अब तक 518 भारतीय कंपनियों को 78 देशों में 713 संयुक्त उद्यम / सहायक कंपनियां स्थापित करने के लिए वित्त प्रदान किया जा चुका है।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को सहायता
एक्ज़िम बैंक की हालिया पहलें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र के लिए मार्केट गैप को कम करने में उल्लेखनीय भूमिका निभा रही हैं। साथ ही, यह सुनिश्चित कर रही हैं कि अर्थक्षम परियोजनाएं या उद्यम, विभिन्न जोखिमों या बाजार तक पहुंच में आने वाली चुनौतियों को दूर कर पाएं। बैंक का व्यापार सहायता कार्यक्रम (टैप) ट्रेड ट्रांज़ैक्शनों में वित्त की कमी को दूर कर रहा है और सहयोगी देशों तथा भारत में स्थानीय बैंकों के बीच पुल का काम कर रहा है। 2022 में टैप की शुरुआत से बैंक द्वारा अब तक इस कार्यक्रम के अंतर्गत विदेशों में 100 बैंकों के साथ भागीदारी की जा चुकी है। यथा 31 मार्च, 2025 को बैंक द्वारा टैप के अंतर्गत 51 देशों में 1,139 ट्रांज़ैक्शनों को सहायता प्रदान की गई। इससे 20 राज्यों के 60 शहरों के 160 से अधिक निर्यातकों द्वारा नए या चुनौतीपूर्ण बाजारों में 3 बिलियन यूएस डॉलर से अधिक के वृद्धिशील निर्यात किए जा सके।
गिफ्ट सिटी में एक्ज़िम बैंक की सहायक कंपनी इंडिया एक्ज़िम फिनसर्व आईएफएससी प्राइवेट लिमिटेड ने 587 ओपन अकाउंट ट्रेड ट्रांज़ैक्शनों के लिए नॉन-रिकोर्स (आस्थगित)/सीमित रिकोर्स निर्यात फैक्टरिंग सेवाएं प्रदान कीं, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में 7 मिलियन यूएस डॉलर के वृद्धिशील निर्यातों को सहयोग मिला। यह निर्यात उत्तरी अमेरिका, यूरोप, मध्य पूर्व और एशिया प्रशांत को परिधान, इंजीनियरिंग वस्तुएं, रसायन, ऑटो-पुर्जे, हस्तशिल्प, घरेलू टेक्सटाइल आदि जैसे क्षेत्रों से रहा।
इसके अलावा, बैंक अपने उभरते सितारे कार्यक्रम (यूएसपी) के अंतर्गत मध्यम आकार वाली ऐसी कंपनियों को नए मुकाम हासिल करने मदद कर रहा है, जो अलग तकनीक, उत्पाद या प्रोसेस के लिहाज से तो अच्छी स्थिति में हैं, लेकिन अभी अंडरपरफॉर्मिंग हैं या अपनी क्षमताओं का पूरी तरह उपयोग नहीं कर पा रही हैं। यथा 31 मार्च, 2025 को यूएसपी के अंतर्गत बैंक ने 85 कंपनियों को कुल ₹ 1,522 करोड़ (7 इक्विटी निवेशों सहित) की वित्तीय सहायता प्रदान की। इनमें सस्टैनेबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए नवोन्मेषी समाधानों वाली 14 कंपनियां, अत्याधुनिक तकनीक में दुनिया को नई राह दिखा रही 19 कंपनियां, स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में क्रांतिकारी काम कर रही 13 कंपनियां और ई-मोबिलिटी समाधानों, विशेषीकृत मध्यवर्ती वस्तुओं, सॉफ्टवेयर समाधानों, वैश्विक ब्रांडों आदि के लिए उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद बनाने वाली अन्य कंपनियां शामिल हैं। बैंक ने अग्रणी अकादमिक संस्थानों के साथ भी अपनी भागीदारी को सुदृढ़ किया है। इस क्रम में बैंक ने ऐसी कंपनियों को अपना व्यवसाय बढ़ाने के लिए आईआईटी मुंबई, आईआईटी दिल्ली, आईआईएम अहमदाबाद और भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर, आईआईएम लखनऊ और आईआईटी कानपुर के इन्क्यूबेटरों को तकनीकी सहायता प्रदान की है, जो अभी अपने प्रारंभिक चरण में हैं।
संसाधन एवं ट्रेजरी
बैंक ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान, 2.27 बिलियन यूएस डॉलर के समतुल्य विदेशी मुद्रा संसाधनों सहित कुल ₹ 71,424 करोड़ के संसाधन (भारतीय रुपये और विदेशी मुद्रा में) जुटाए। वर्ष के दौरान उल्लेखनीय ट्रांज़ैक्शनों में बैंक ने 144ए/रेग एस के अंतर्गत 1 बिलियन यूएस डॉलर के बॉन्ड जुटाए। बैंक का यह निर्गम बैंक भारत में किसी 10 वर्षीय सार्वजनिक निर्गम के लिए अब तक की सबसे कम दर पर जुटाया गया निर्गम रहा। साथ ही, एशिया (जापान को छोड़कर) में यह बीबीबी- रेटिंग वाले उपक्रमों में सबसे कम दर पर जुटाया गया 10 वर्षीय यूएसडी सार्वजनिक निर्गम रहा। बैंक को मूडीज़ द्वारा बीएए3 (स्थिर), एस एंड पी ग्लोबल रेटिंग्स द्वारा बीबीबी- (पॉज़िटिव), फिच रेटिंग्स द्वारा बीबीबी- (स्थिर) और जापान क्रेडिट रेटिंग एजेंसी द्वारा बीबीबी+ (स्थिर) रेटिंग दी गई है। ये सभी रेटिंग निवेश ग्रेड या इससे ऊपर की हैं और संप्रभु रेटिंग के समान हैं।
सस्टैनेबिलिटी पर फोकस
वर्ष के दौरान, बैंक ने अपने ईएसजी फ्रेमवर्क के अंतर्गत प्राइवेट प्लेसमेंट के जरिए दो संपोषी बॉन्ड जारी किए। बैंक ने अपने संपोषी वित्त कार्यक्रम के अंतर्गत सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, क्लीनटेक, संपोषी कृषि, संपोषी समाधानों आदि जैसे क्षेत्रों में 36 कंपनियों को सहायता प्रदान की। बैंक को अपने संपोषी वित्त कार्यक्रम के लिए एशिया और प्रशांत में विकास वित्त संस्थाओं के संघ (एडफिएप) से 'पर्यावरण विकास’ श्रेणी में पुरस्कृत भी किया गया है।
संवर्धन एवं विकासपरक भूमिका
एक्ज़िम बैंक की पहलें देश के दूरस्थ इलाकों में स्थित ग्रासरूट स्तर के उद्यमों को भी अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कदम बढ़ाने में सहायता कर रही हैं। भारत सरकार की ’निर्यात केंद्र के रूप में जिले’ (डीईएच) पहल के अनुरूप, बैंक ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान, 11 राज्यों के 13 जिलों में सहायता प्रदान की।
बैंक ग्रासरूट स्तर के उद्यमों को बेहतर विज़िबिलिटी और ब्रांड प्रमोशन देते हुए बाजारों तक उनकी पहुंच बढ़ाने के लिए भी प्रतिबद्ध है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान, बैंक ने काला घोड़ा कला महोत्सव के साथ भी भागीदारी की। इस महोत्सव में देश के विभिन्न राज्यों से 200 से अधिक दस्तकारों और ग्रासरूट उद्यमों ने हिस्सा लिया, जिनमें से 20 राज्यों के 60 से अधिक दस्तकारों को एक्ज़िम बैंक द्वारा सहयोग प्रदान किया गया।
वर्ष के दौरान, एक्ज़िम बैंक ने देशों/क्षेत्र, भारतीय राज्यों की निर्यात क्षमता, उद्योगों और अंतरराष्ट्रीय व्यापार से संबंधित विषयों पर 20 शोध अध्ययन प्रकाशित किए। इसके अलावा, बैंक ने मुक्त व्यापार करारों के संबंध में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार को महत्त्वपूर्ण इनपुट भी प्रदान किए और सुविचारित निर्णय प्रक्रिया में योगदान दिया।
सामाजिक पहलें
वर्ष के दौरान, बैंक ने भारत के 14 राज्यों में 13 पहलों के लिए सहयोग प्रदान किया। बैंक ने अक्षय पात्र फाउंडेशन को सहयोग के माध्यम से वंचित वर्गों के छात्रों की शिक्षा और जरूरी पोषण में सहायता प्रदान करना जारी रखा। इस क्रम में, बैंक ने वाराणसी में, उत्तर प्रदेश में 200 छात्राओं के मिड-डे के लिए सहयोग प्रदान किया। बैंक ने ‘प्राइड इंडिया’ नामक संस्था के साथ मिलकर मोबाइल मेडिकल यूनिट के लिए सहयोग प्रदान किया, जिससे 40 गांवों में ग्रामीण आबादी को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ हो रही हैं। इसके अलावा, बैंक ने पेड़ लगाने वाले आईटी-आधारित एनजीओ, संकल्पतरु फाउंडेशन के साथ मिलकर भी काम किया। इस पहल के जरिए बैंक द्वारा 60,000 पेड़ लगाए गए हैं। इनके जरिए प्रति वर्ष 35,000 टन कार्बन-डाई-ऑक्साइड के उत्सर्जन को कम करने में मदद मिलेगी। बैंक ने जनरल ड्यूटी असिस्टैंट के रूप में 30 महिलाओं को तकनीकी प्रशिक्षण, 100 लड़कियों को शिक्षा-लीडर और 200 बेरोजगारों को इलेक्ट्रिशियन के रूप में प्रशिक्षण के लिए सहयोग प्रदान किया।
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विस्तृत जानकारी के लिए कृपया संपर्क करें: श्री टी.डी. सिवाकुमार, मुख्य महाप्रबंधक, भारतीय निर्यात-आयात बैंक, 21वीं मंज़िल, केंद्र एक भवन, विश्व व्यापार केंद्र संकुल, कफ़ परेड, मुंबई 400005; फोनः +91-22-22172829; ईमेलः ccg[at]eximbankindia[dot]in